केंद्रीय बैंकर का कहना है कि हंगरी में अपस्फीति का कोई खतरा नहीं है
बुडापेस्ट, 9 जून (एमटीआई) - केंद्रीय बैंक के एक वरिष्ठ विश्लेषक ने गुरुवार को कहा कि मुद्रास्फीति 3 प्रतिशत के लक्ष्य से काफी नीचे होने के बावजूद हंगरी के नेशनल बैंक को देश में अपस्फीति का कोई खतरा नहीं दिखता है।
एंड्रस बालाटोनी ने सार्वजनिक समाचार चैनल एम1 को बताया कि जापान ने 90 के दशक में जिस अपस्फीति के स्तर से जूझ रहा था, उससे हंगरी को किसी भी तरह से खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, इसकी गारंटी हंगरी की बढ़ती मजदूरी और देश की गतिशील आर्थिक वृद्धि से होती है, जो मूल्य स्तर को स्थिर करती है।
बालाटोनी ने कहा, इसके अलावा, मुख्य मुद्रास्फीति, जो अस्थिर ईंधन और खाद्य कीमतों को हटा देती है, 1 प्रतिशत से ऊपर है।
उन्होंने कहा कि कम सीपीआई का अल्पावधि में हंगरी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इससे उपभोक्ता की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी, जिससे खपत में वृद्धि होगी।
बालाटोनी ने कहा, हालांकि, लंबे समय तक अपस्फीति अर्थव्यवस्था के लिए प्रतिकूल है क्योंकि इसके परिणामस्वरूप कंपनियों के राजस्व में गिरावट आती है, जिससे श्रम लागत में कटौती होती है, जिससे वेतन में गिरावट आती है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों में मई की मुद्रास्फीति दर नकारात्मक 0.2 प्रतिशत बताई गई है।
स्रोत: http://mtva.hu/hu/hungary-matters
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